आयुर्वेदिक क्लिनिक में आपका स्वागत है।
आप निम्नलिखित टिप्स के माध्यम से स्वस्थ जीवनशैली का पालन करके स्वस्थ रह सकते हैं:
- स्वस्थ आहार: आहार में प्राकृतिक और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फल, सब्जियाँ, अनाज, दालें, और प्रोटीन युक्त आहार अपनाएं। अपने आहार में प्रोटीन, पोषक तत्व, और पौष्टिक तेलों का सेवन करें।
- व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करें। योग, प्राणायाम, ध्यान, और व्यायाम के अन्य रूपों को अपनाएं।
- नियमित नींद: प्रतिदिन की नियमित नींद लें, कम से कम 7-8 घंटे की नींद आवश्यक है।
- तनाव कम करें: ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करें, साथ ही कार्यक्रम को संशोधित करें ताकि आप तनाव को कम कर सकें।
- नियमित चेकअप: नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लें और स्वास्थ्य जांच कराएं।
- आयुर्वेदिक उपाय: आयुर्वेदिक औषधियों और प्रणायम के लाभ लें जो स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
- संतुलित जीवनशैली: संतुलित और नियमित जीवनशैली अपनाएं, जैसे कि समय पर खाना खाना, नियमित व्यायाम करना, और तनाव को कम करना।
यदि आप किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आपको डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपके लिए उपयुक्त सलाह और उपचार प्रदान कर सकते हैं।
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रामबाण तेल का मुख्य तत्व एक मिश्रण होता है जिसमें विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक औषधि तत्वों का समावेश होता है
रामबाण तेल एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उत्पाद है जो विभिन्न स्थितियों और रोगों के इलाज में उपयोग किया जाता है। इस तेल का उपयोग त्वचा सम्बंधित समस्याओं, जैसे कि जोड़ों का दर्द, पीठ दर्द, सर्दी-जुकाम, मांसपेशियों की कमजोरी, सूजन, घाव, छाले, मस्से, मस्तिष्क संबंधित समस्याएँ आदि के इलाज के लिए किया जाता है।
कृपया ध्यान दें कि इस तेल का उपयोग करने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह लेना हमेशा अच्छा होता है, खासकर अगर आपको किसी विशेष स्थिति में हो।
संजीवनी चूर्ण आराम एक दबी हुई नस तंत्रिका की स्थिति के लिए सबसे ज्यादा कारगर उपचार आराम है
संजीवनी वटी (Sanjivani Vati) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जिसे विभिन्न प्रकार की स्थितियों में उपयोग किया जाता है, जिसमें कई भिन्न तरह की नस तंत्रिका समस्याएँ शामिल हैं। यह आमतौर पर वात, पित्त, और कफ के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, जो शरीर की समग्र स्थिति को सुधार सकता है।
महायोगराज गुग्गुल: यह आयुर्वेदिक चूर्ण जोड़ों के दर्द, पेट दर्द, शीघ्रपतन, और विषाणु रोगों में उपयोग किया जाता है।
यह रोग त्वचा के रोगों का संग्रह होता है जिसमें छाले, फुंसियाँ, खुजली, लाल दाने, पित्त, एक्जिमा, प्सोराइसिस, लालिमा, दाद, विषाणुजनित चर्म रोग
जैसे कि खिंचाव, दर्द, थकावट, चोट, या तनाव। निम्नलिखित जड़ी-बूटियाँ नसों के दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं:
कब्ज का आयुर्वेदिक इलाज में कई प्रकार के प्राकृतिक और हर्बल उपाय होते हैं जो आपको प्राकृतिक तरीके से आराम प्रदान कर सकते हैं। यहाँ कुछ आयुर्वेदिक सुझाव दिए जा रहे हैं जो कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं:
चेहरा को गोरा कैसे करे
30 दिनों में त्वचा को गोरा करने के लिए निम्नलिखित कुछ उपाय हैं:
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त्वचा को 60 दिनों में गोरा करने के लिए निम्नलिखित उपाय कारगर हैं: